पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के कर्मचारियों-अधिकारियों ने कार्यालय प्रमुख के खिलाफ खोला मोर्चा, दुर्व्यवहार-मानसिक प्रताड़ना की शिकायत

रायपुर। ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा के कर्मचारियों-अधिकारियों ने कार्यालय प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने संस्थान के महानिदेशक से लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि संस्थान के कार्योलय प्रमुख दिलाप अग्रवाल कर्मचारियों से दुर्व्यवहार एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं।

कर्मचारियों ने शिकायत में कहा है कि संस्थान के कार्यकलापों के दौरान कार्यालय प्रमुख अपने कक्ष में बुलाकर कठोर शब्दों का प्रयोग करते हैं। यह स्थिति प्रायः दुर्व्यवहार तथा मानसिक प्रताड़ना तक पहुंच जाती है। इसका कार्य करने के वातातरण पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है। सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत अगर शासकीय अधिकारी-कर्मचारी के कार्य से कार्यालय प्रमुख असंतुष्ट है तो शासकीय नियमों अनुसार कार्यवाही की जा सकती है। परंतु व्यक्तिगत रूप से बुलाकर अपमानित करना शासकीय सेवा के प्रावधानों के विपरीत है।

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कर्मचारियों का आरोप है कि कार्यालय प्रमुख नस्तियों पर अपने हिसाब से टीप लिखने के लिए निर्देशित किया जाता है। विदित हो कि शासकीय अधिकारी/कर्मचारी शासकीय नियमों एवं अपने समझ अनुसार टीप लिखते है। नस्तीयों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि नस्ती में कार्यवाही अनावश्यक विलंब निचले स्तर पर किसी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा नहीं होता, अपितु कार्यालय प्रमुख द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश के अभाव में अनावश्यक विलंब होता है।

संचालक, ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान जो पूर्व में कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकारी रहे है तथा बतौर संचालक उनके द्वारा बहुत सारे कार्यों का निराकरण तथा राज्य शासन से पत्र व्यवहार किया गया है। यह भी देखने को आया है कि जब भी उनके पूर्व संदर्भित पत्रों का उल्लेख नस्ती में या कार्यालय प्रमुख समक्ष किया जाता है तो उनके द्वारा क्रोध पूर्वक असहमति व्यक्त करते हुए अपमानित करते है। जबकि पूर्व में जिन संदर्भित पत्रों को शासन को प्रेषित. कर दिया गया है, उनका उल्लेख नस्ती में किया जाना आवश्यक है।

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संस्थान में कार्यरत समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनके मूल पद के अतिरिक्त (तकनीकी / लेखा/बजट इत्यादि) अन्य कार्यालयीन कार्य सौंपे गये है, जिनका उनको न तो प्रशिक्षण दिया गया है। बावजूद इसके समस्त कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन क्षमता से अधिक किया जा रहा है। कार्यालय प्रमुख द्वारा निरंतर कर्मचारियों के प्रति दुर्व्यवहार एवं अपशब्दों का उपयोग किया जाता है। भी उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। कार्यालय प्रमुख द्वारा समस्त कर्मचारियों को उनके गोपनीय प्रतिवेदन बिगाड़ने एवं आगामी संविदा नवीनीकरण नहीं किये जाने की धमकी दी जाती है, जिससे सभी कर्मचारी भयभीत एवं मानसिक तनाव में कार्य कर रहे हैं। संस्थान में कार्यरत कुल 20 कर्मचारियों को लगभग 03-07 माह तक का वेतन प्राप्त नहीं हुआ है, संविदा नवीनीकरण आदेश प्राप्त हुये लगभग 01 सप्ताह होने के बावजूद वेतन भुगतान की कार्यवाही नहीं की गई है।

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