ईडी की कार्रवाई से सोरेन सरकार पर संकट, हेमंत पत्नी को सौंप सकते हैं सत्ता, विरोध के स्वर भी

 

 

रांची। झारखंड की सियासत में बवाल मचा हुआ है। ईडी की कार्रवाई से निपटने के सत्तापक्ष के विधायकों की मंगलवार देर रात तक बैठक चली। चर्चा है कि सत्तापक्ष के 43 विधायकों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर लिए गए। इसमें किसी संभावित नेतृत्वकर्ता का जिक्र नहीं है, लेकिन संभावना है कि  समय आने पर निर्णय के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया गया है। उधर, खबर यह भी है कि इस बैठक से दूर रही रहीं सीएम हेमंत सोरेन की भाभी और जामा की विधायक सीता सोरेन के बागी तेवर देखने को मिल सकता है। सीता सोरेन सीएम पद के लिए कल्पना सोरेन का नाम आते नाखुश बताई जा रही हैं।

सीता सोरेन का कहना है वो बड़ी बहू हूं, हक मेरा हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन जब मुख्यमंत्री बने, तो उसे स्वीकार कर लिया। जेएमएम को खड़ा करने में बाबा (शिबू सोरेन) के साथ उनके दिवंगत पति दुर्गा सोरेन ने मिलकर काम किया था। वे हमेशा बाबा के साथ रहे। पति के निधन के बाद अपनी छोटी बेटियों को पालने में कितनी तकलीफ सही है, यह वो ही जानती हैं। इसलिए अब त्याग करने का कोई इरादा नहीं हैं। सीता सोरेन ने कहा कि तीन बार की विधायक रहने के बावजूद पार्टी ने उन्हें सम्मान के तौर पर कुछ नहीं दिया। इसके बावजूद वो पार्टी में रह कर सभी निर्देशों का पालन करती रहीं। अगर इस तरह का कोई फैसला लिया जाता है, तो उन्हें मंजूर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को अपनी भतीजी के बारे में भी सोचना चाहिए।

इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पहली बार किसी राजनीतिक बैठक में मंगलवार को शामिल हुईं। सत्तापक्ष के विधायकों की हुई बैठक में कल्पना सोरेन के शामिल होने की तस्वीर सामने आते ही सियासी पारा चढ़ गया। कहा गया कि ईडी की कार्रवाई की वजह से सीएम हेमंत सोरेन के सामने यदि विषम परिस्थिति उत्पन्न होती है तो कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।

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