सीजीएमएससी में दवाइयों-मशीन खरीद में करोड़ों की गड़बड़ी की शिकायत, गुपचुप भुगतान की तैयारी  

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) में लैब रिजेन्ट और सर्जिकल मशीन खरीद में करोड़ों की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में चहेते लोगों और फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए भंड़ार क्रय नियमों की अनदेखी की शिकायत हुई है। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि अयोग्य फर्म को करोड़ों का आर्डर देकर केन्द्र सरकार के पैसों का दुरुपयोग किया गया। उनकी शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं की गई है। जानकारी मिली है कि अब फर्म का बकाया पैसा जारी करने की तैयारी चल रही है।

 

पूर्व मंत्री कंवर ने दिसंबर 2022 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मुख्यसचिव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत की थी कि सीजीएमएससी में नियम विरूद्ध भण्डार कय नियमों की अवहेलना करते हुए एक ही फर्म एवं व्यक्ति को फायदा दिलाने करोड़ों की गड़बड़ी की गई। उनका आरोप है कि खरीदी में वर्ष 2016-17 से अभी तक लगातार भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।  बिना निविदा के करोड़ों के लैब रिजेन्ट एवं सर्जिकल्स मशीन की खरीदी की गई। पूरी खरीदी एकल निविदा के तहत दिखाया जा रहा है, जबकि एकल निविदा के 1 वर्ष में 10 हजार रूपए से ज्यादा की खरीदी कोई भी नियम नहीं है। कंवर ने शिकायत में आरोप लगाया था कि मार्केट से चार गुना ज्यादा दर पर खरीदी की गई है।

इस संबंध में एजी की आडिट में गड़बड़ी पाई गई है। जनवरी 2021 से मार्च 2021 की ऑडिट रिपोर्ट में करीब 200 करोड़ की खरीद में आपत्ति की गई है। कंवर ने पूरे मामले में जीएम स्तर के दो अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए भण्डार क्रय नियमों की अनदेखी के इस मामले में खरीद को निरस्त करने की मांग की थी।

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